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अनंतिम क्षण

कहीं
किसी के लिये
कोई प्रतीक्षारत
आजीवन
आशान्वित
कभी तो होगी
अवतरित असामान से
आत्मा उसकी
जगाने फिर से
ह्रदय में स्पंदन
फूंकने फिर
देह में प्राण
आतुर, अनवरत , अनगिनत
पल, क्षण , घड़ी, दिन
मास, वर्ष, जन्म, व्यापित!
अथक , अनंतिम ,अविराम
हॆ कहीं कोई
प्रतीक्षित!
#सत्यार्चन

traffictail
Author: traffictail

3 thoughts on “अनंतिम क्षण”

  1. अब हम सबको किसी काइंतजार नहीं करना है। सबको तिरंगे के नीचे एक साथ, साथ खडे होकर मोबाइल अॉपरेटिंग डिजिटल इंडिया का निर्माण करना है।

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    • बहुत बहुत धन्यवाद् जी आपका!
      (वर्डप्रेस/ जेटपेक ने डांटकर बताया कि मेरी ओर से उत्तर देना शेष था…!!!)

      Reply

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