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-: प्रतिमान :-

  • प्रतिमान –
    जीवन पथ पर चलते-चलते,
    नये-नये उनवान मिले!
    हर एक मोड़ पर अटके-
    भटके,
    कई-कई भगवान मिले!

    गिरते , उठते, चलते , फिरते
    हैवान मिले , शैतान मिले!
    जीवन द्वंद युद्ध सा लड़ते
    कभी-कभी इंसान मिले !

    प्यास बुझी ना बुझते  दिखती—
    जीवन जीता, मनमौजी सा,
    और कोई, प्रतिमान मिले !!!

    #सत्यार्चन
traffictail
Author: traffictail

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