माननीय प्रधानमंत्री जी बधाई… किन्तु इसपर भी कुछ कीजिये!

द्वारा प्रकाशित किया गया

माननीय प्रधानमंत्री जी बधाई… किन्तु इसपर भी कुछ कीजिये!

मैंने राज्यसभा की कार्रवाई का यह वीडियो देखा है•••

और मैंने सदन की कार्रवाई को पहली ही बार नहीं देखा!

लिंक शेयर कर रहा हूँ आप भी देखिये…

पहले भी अनेक अवसरों पर अनेक चुटीली टिप्पणियों पर सदन में ठहाके गूँजे हैं!

मानवीय प्रधानमंत्री की यह टिप्पणी प्रत्युत्पन्नमति पूर्ण, मर्यादित व संतुलित व्यंग्य थी

जो प्रशंसनीय होना चाहिए!

वैसे भी उन्होंने रामायण सीरियल में ऐसी हँसी सुनने की बात कही थी…

रामायण सीरियल में तत्कालीन रामयुग की युद्धनीति के अनुसार शत्रु योद्धा पर हँसना, उसका मजाक उड़ाना

युद्धकौशल का ही अंग था जिसका अनुपालन दोनों पक्षों के अनेक योद्धाओं ने किया…

रेणुका चौधरी जी द्वारा आधार के श्रेय के मुद्दे पर व्यंगात्मक बनावटी ठहाके लगाये जा रहे थे

उसपर उनकी वैसी अभिव्यक्ति भी पूर्ण स्वाभाविक ही थी•••

किन्तु इसी अभिभाषण में उन्होंने गाँधी की इच्छा के अनुपालन की मंशा भी जताई

किन्तु विपक्ष के लिये तो गाँधी के हत्यारे को महिमा मंडित करने के पक्षधरों का

गाँधी जी की इच्छा को ध्यान रख कांग्रेस मुक्त भारत का उल्लेख करते हुए देखने जैसा था

शायद अन्य अधिकांश दर्शकों को भी वैसे ही लगे जैसा विपक्ष को लगा होगा!

अगर 2014 के बाद मृतप्राय हुई कांग्रेस देश के लिये प्रासंगिक बनी हुई है

तो इसका बहुत बड़ा श्रेय भी माननीय मोदी जी को ही जाता है…

क्योंकि  प्रधानमंत्री जी के चौथे बजट पर राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद के रूप में

प्रधानमंत्री जी के उक्त धन्यवाद प्रस्ताव हेतु 1-1/2 घंटे के भाषण के 70% भाग में कांग्रेस की आलोचना ही थी…

बदनाम होने वालों का भी नाम तो होता ही है… चर्चा का विषय तो बनता है…

माननीय…. अगर आपके भाषणों में कांग्रेस जिन्दा ना होती तो कांग्रेस मुक्त भारत के लिये आपको इतनी मेहनत ना करनी होती

जितनी करने के बाद भी कांग्रेस आज पुनर्जीवित होते दिख रही है

आज देश में हर कहीं गाँधी को गाली दी जा रही है…
और अगर प्रधानमंत्री जी गाँधी को गाली देने वालों के पक्षधर दिखकर कांग्रेस को लाभ नहीं पहुँचाना चाहते हैं

तो बतायें कि सोशल मीडिया आदि पर गाँधी को दी जाने वाली ऐसी गालियों को रोकने के लिए

वे कुछ करते कयों नहीं?

मेरे मुखिया रहते हुए मेरे ही कुनबे के लोग, मेरे श्रद्धेय का बार बार अपमान करते रहें

और मैं मौन रहकर भी स्वयं दोषमुक्त बताऊँ

तो क्या मैं दोषमुक्त हूँ?

और अगर ऐसी चुप्पी से मेरे प्रतिद्वंद्वी को लाभ भी पहुँच रहा हो तब तो मैं अपने कुटुम्ब का भी दोषी हूँ!

आप भी भारत नामक कुनबे के मुखिया हैं !

भारत में केवल सत्तासीन नेताओं पर ही अशोभनीय टिप्पणी पर रोक लगना पर्याप्त नहीं

गाँधी जी सहित किसी भी जीवित अथवा मृत व्यक्ति के सम्मान को किसी कारण से आहत करने वाले

किसी भी प्रकार के तथ्यहीन अनर्गल प्रलाप पर नियंत्रण कराना भी आपका ही दायित्व है…!

और आप अपनी इस कर्तव्य पूर्ति में पूर्ण सक्षम हैं… !

या तो ऐसे प्रलाप बंद कराइये या आरोप स्वीकारिये…!

अच्छा या बुरा जैसा लगा बतायें ... अच्छाई को प्रोत्साहन मिलेगा ... बुराई दूर की जा सकेगी...

Fill in your details below or click an icon to log in:

WordPress.com Logo

You are commenting using your WordPress.com account. Log Out /  बदले )

Facebook photo

You are commenting using your Facebook account. Log Out /  बदले )

Connecting to %s