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तो रावण बुरा नहीं था क्या…?

तो रावण बुरा नहीं था क्या…?http://satdarshan.in/2022/04/14/%e0%a4%a4%e0%a5%8b-%e0%a4%b0%e0%a4%be%e0%a4%b5%e0%a4%a3-%e0%a4%ac%e0%a5%81%e0%a4%b0%e0%a4%be-%e0%a4%a8%e0%a4%b9%e0%a5%80%e0%a4%82-%e0%a4%a5%e0%a4%be-%e0%a4%95%e0%a5%8d%e0%a4%af%e0%a4%be/

अब रावण अच्छा या बुरा कैसा था पर बात करने से पहले
अच्छे-बुरे का भेद तो करना ही होगा ना? जानना होगा…


आज तो श्रीराम का नाम ले रावण के पथ पर चल बलाबल से निहितार्थों के अनुरूप व्याख्यायित धर्म का पालन कराया जा रहा है…


यदि रावण का पथ ही इतना सही था तो राम तो अनुचित हो गये ना ?
फिर जयश्री राम क्यों ?
जय रावणराज क्यों नहीं?
और यदि जयश्रीराम हैं तो…. उनके अनुयायी रावणपथ पर क्यों… रामपथ गामी क्यों नहीं ?
भई हिन्दू तो रावण जी भी थे ही… और शास्त्रीय ज्ञान की खान भी थे…!
और रावण साहब ने सीता जी का अपहरण भी अपनी बहिन के साथ हुए अन्याय का बदला लेने ही तो किया था ना…? तो रावण जी ने क्या गलत किया था … आज के साहब लोग भी तो यही कर रहे हैं ना? (शत्रु समुदाय की बच्चियों से.. बलात्कार का आव्हान करने वालों को… और क्या समझें?)
फिर एक बेचारे त्रेता वाले इकलौते रावण को अकेले ही क्यों खलनायक पुकारा जाये ?
इस तरह की व्याख्याओं में तो रावण भी सही ही था … !
रावण ने अपनी बहिन सूर्पणखा के अपमान का बदला लेने जितना…. सीमित अपमान ही तो किया था ना सीता जी का.. ?
राम जी ने भी सही किया पत्नि वापस चाहिये थी तो बार बार समझाबुझाकर वापस माँगी … अब रावण को ही झुकने की जगह मरना मंजूर था तो उसने ‘मुट्ठीभर’ बंदरों और कंगाल से ‘तापस राजकुमारों’ का भयंकर मखौल उड़ा हर बार मना कर दिया… संपन्न सत्ता का स्वामी था रावण तो अभिमान का अधिकारी भी था… मजबूरन राम को शस्त्रास्तों से.. वार पर वार कर रावण को मारना पड़ा.. पत्नि जो छुड़ानी थी तो छुड़ा ली..!
हरिओम्!

traffictail
Author: traffictail

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