खुदा मेहरबान
तो सारे गधे पहलवान!
जिस पर
जब तक
जितना ‘वो’ मेहरबान…
तब तक
उतने
ये गधे पहलवान!
जहाँ खींची ‘उसने’ तान
निकली जान
फिर काहे के कोई पहलवान!
– सत्यार्चन
खुदा मेहरबान
तो सारे गधे पहलवान!
जिस पर
जब तक
जितना ‘वो’ मेहरबान…
तब तक
उतने
ये गधे पहलवान!
जहाँ खींची ‘उसने’ तान
निकली जान
फिर काहे के कोई पहलवान!
– सत्यार्चन
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