हौसलों के पत्थर
ये जो नित नई नई
लादी जाती …
उम्मीदों का बोझ है ना…
फूल सा
हल्का हो जाता है
जब …
किसीका हौसले वाला हाथ
कोई
अपने काँधे पर पाता है..!
तब उम्मीद का पत्थर
हौसले की ताकत से
आसमान में छेद करने
पूरी तबियत से
हर कभी
उछाल दिया जाता है
और
फेंका हुआ हर पत्थर
अक्सर
बादलों से
पानी उतार
खेतों को
तर कर जाता है
तब…
तब ….
जब किसी का
हौसले वाला हाथ
कोई
अपने काँधे पर पाता है..!