माननीय विधायक उदयपुरा – बरेली म.प्र., ठाकुर देवेन्द्र सिंह जी, Gadarwas Wale , के बेटे और हमारे भतीजे चिरंजीवी Shivendra Singh Thakur जी के शुभ विवाह के अवसर पर विगत दिनो मैं; मेरे और विधायक जी के पैतृक ग्राम गरुड़वास (वर्तमान में अपभ्रंशित गड़रवास) पहुँचा था..!
ठाकुर देवेंद्र सिंह पटेल जी का आमंत्रण एक अवसर था मात नर्मदे के दर्शन का, चूंकि मेरा गाँव नर्मदातट पर ही स्थित है और मेरे देश के आदर्शतम में से एक है मेरा गाँव- गरुड़वास!
आसपास के अन्य अनेक गाँव भी उतने ही विलक्षण हैं…! तीर्थों सी सामाजिक रीति-नीति यहाँ आज भी विद्यमान है वहाँ… महान परंपराओं से युक्त हैं हमारे गाँव…!
मेरे गाँव में माँस मदिरा अभी तक सामाजिक अस्वीकार्य हैं, शराब एवं शराबी का गाँव में आना प्रतिबंधित है…!
मेरे पिताजी केन्द्र सरकार की में रत थे इसीलिए मुझे केवल एक-डेढ़ साल ही, लगातार 1976-77 में गाँव में, गाँव में रहने का अवसर मिल.पाया..
इसके अतिरिक्त केवल 10-12 संयुक्त दीपोत्सव ही हमने हमारे दद्दा जी (सबसे बड़े ताऊजी ) के घर एकत्रित होकर मनाये हैं… उन दीपोत्सवों की सुंदरतम अनुभूतियाँ अब स्मृति शेष हैं.. जीवन की सर्वश्रेष्ठ दीपावलियाँ वही लगती हैं… जब सारा कुटुम्ब एकसाथ उत्सव मनाता था… अपने गाँव पर …!
हालाकि तब ना तो गाँव में बिजली ही थी… ना वहाँ पाइप लाइनों से होकर टोंटी खोलते ही आने वाला पानी था… और.ना पहुँचमार्ग..! निकटतम पक्की सड़कें भी 5 से 15 किलोमीटर की दूरी पर थीं… ! गाँव के भीतर तो केवल पैदल चलने योग्य कच्चे रास्ते ही थे…! ना तो कोई आधुनिक सुविधाएं ही थीं और ना ही ग्रामवासियों में इन सुविधाओं के अभाव के प्रति कोई मलाल ही.. !
जब मैं गाँव में रहा तब हायर सेकेंडरी में था मैं… और मेरे निकटतम मित्र / अग्रज सम भाई *ठाकुर शिवकुमार जी* भी!
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हमारे क्षेत्र के गाँवों में पूरे ग्रामवासी ही एक दूसरे के मानद रिश्तेदार होते है… कामगारों से लेकर जमीदारों तक सब आपस में रिश्तेदार हैं… इस तरह माननीय विधायक ठाकुर देवेन्द्र सिंह ठाकुर जी मेरे लिये अनुजवत हैं… और उनके अन्य भाई, जो मुझसे बड़े हैं वे मेरे भी बड़े भाई का स्थान रखते हैं..! ऐसी ही समृद्ध मान्यतायें हैं हमारी…!
गाँव में किसी एक के घर आया पहुना पूरे गाँव का भी पाहुन भी होता है.. पटेल /जमींदार परिवार की वर्तमान पीढ़ी के 4 भाईयों में से 3रे भाई हैं ठाकुर देवेन्द्र सिंह जी जो वर्तमान में विधायक हैं!
हमारे गाँव के पटेलों की जमींदारी बड़ी अनोखी जमींदारी है..! जिसका पिछले 50 साल़ों से तो मैं स्वयं ही गवाह हूँ! #पटेल_परिवार_की_जमींदारी फिल्मी जमीदारों से ठीक उलट हैं…!
वे ना केवल गरुड़वासियों के, बल्कि आसपास के अनेकों गाँवों के, कैसे भी जरूरतमंदी में सहयोग को सदैव तत्पर रहते आये हैं वर्तमान जमींदार परिजन और पहले उनके पूर्वज भी समस्त पटेल परिजन, धर्मात्माओं की ही तरह, निरंतर सक्रिय रहकर आर्थिक अक्षमों की जरूरतें पूरी करते आ रहे हैं… तभी शायद मुझे; आत्मप्रेरण के रूप में, ईशादेश प्राप्त हुआ, और मैं वहाँ उपस्थित हो सका..!
उनके कुटुंब में (हमारे पूरे गाँव में भी) बेटों के विवाह समारोह में, किसी से भी, कैसे भी, कोई उपहार व्यवहार (नगद में भी) आदि स्वीकार नहीं किये जाते…!
ना ही अनगिनत आगंतुकों के भोज के बाद इस समय तक भी इस रीत में कोई भी परिवर्तन दिखा!
इस बार भी कोई व्यवहार/ उपहार नहीं स्वीकारे गये!
यह महत्वपूर्ण है और इससे यह स्पष्ट होता है कि सभी धनिक, व्यवसायी या राजनीतिज्ञ भ्रष्ट ही नहीं हैं.. अनेक हमारे ठाकुर देवेन्द्र सिंह जी जैसे विवायक भी हैं जो उनके ; पिता स्वर्गीय श्री रघुराज सिंह जी एवं काका श्री हिमाचल सिंह जी पटेल के नामों को प्रकीर्ण करने वाले अतिसंपन्न, समृद्ध और सुबुद्ध राजनीतिज्ञ हैं !
#ठाकुर_देवेंद्र_सिंह_पटेल जी; परमादरणीय स्वर्गीय श्री रघुराज सिंह जी के इकलौते पुत्र होकर भी 4 भाईयों की शक्ति से संपन्न हैं (3 अविभक्त चचेरे भाईयों को मिलाकर… !) ठीक वैसे ही हम खुद भी इकलौते होकर भी 8 भाई थे..! (हमारे तरफ चाचा-काका-ताऊ की संतानों फर्क नहीं होता!) मैं; 8 भाइयों में से सबसे छोटा था तो मुझे पिताजी से भी अधिक 3नों ताऊ-ताई और 7तों भाईयों-भाभियों दीदियों-जीजाओं की भरपूर दुत्कार और दुत्कार से कई गुणा अधिक दुलार से भरे संस्कार मिले हैं..
खासकर मेरे बड़े भैया डॉ आर के श्रीवास्तव जी, मँझली जीजी (श्रीमति प्रभा देवी जी, Tripta Shrivastava जी), सँझली भाभी (श्रीमति किरण श्रीवास्तव जी) और एडवोकेट भैया श्री O P Shrivastava (पूर्व जी.पी. जी रायसेन), @छोटी भाभी Jyoti P Shrivastava जी, भैया डॉक्टर Vinay Shrivastava जी, (बकतरा), भैया Bhoopendra Shrivastava जी (बरेली) से और अन्य सभी से भी…!
जो प्यार मिलता था वह अब भी शेष जीवितों से निरंतर प्राप्त है!
इसी तरह विधायक ठाकुर देवेंद्र सिंह जी के अन्य 3 भाईयों में बड़े ठाकुर महेंद्र सिंह जी, ठाकुर श्रवण सिंह जी और देवेन्द्र भाई से छोटे ठाकुर कुबेर सिंह जी हैं! सभी पटेल बंधु अनंत संपन्न, श्रीयुक्त, स्वस्थ, सुसंस्कृत और अति लोकप्रिय हैं!
विवाह स्थल के भंडार गृह में मुझे फलाहार कराते हुए मेरे बहुत अच्छे सच्चे और सक्षम ही नहीं सबसे अच्छे मित्र… भाई #गरुड़वास निवासी, भाई शिवकुमार जी हैं !
वीडियो प्रदेश की प्राणदायिनी मातोश्री नर्मदा का घाट का हमारे गाँव गरुड़वास के रामघाट का है… !
और बहुत अधिक आश्चर्य जनक बात यह भी है कि; विगत 40 सालों में 20सियों बार, स्वप्न में मुझे, मेरा गाँव, लगभग वैसा ही विकसित हो चुका, दिखता था जैसा श्री पटेल जी ने विगत कुछ ही वर्षों में अपने निजी प्रयासो एवं साधनों से विकसित करा लिया है..।
कभी उसी गांव में, मोटरसाइकिल भी, ठीक से चलाना बहुत कठिन था किंतु अब पूरे गाँव में ही बनवाई गई कंक्रीट की सड़कों पर, एसयूवी और कारें भी आराम से घूमती दिखती हैं..!
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जब से गाँव जाकर रहा … तभी से मैं मेरे गाँव को बहुत मिस करता था …
मैं; तब हायर सेकेंडरी में था और मेरे निकटतम मित्र भाई शिवकुमार जी भी!
मेरी ओर से मेरे हर ग्रामवासी मित्रों, परिचितों, अमित्रों और उनकी संतानों को अनंत शुभकामनाएं एवं शुभाशीष!!
विधायक भाई ठाकुर देवेन्द्र सिंह जी को, शीर्षतम पदप्राप्ति की उन्नत एवं अनंत शुभकामनाएं! शुभाशीष एवं सहयोग की वचनबद्धता सहित आभार भी!
आप से सहृदयी राजनीतिज्ञ ही सारे देश में हो जायें तो भारत स्वर्ग बन जाये…
मेरे स्वप्नदर्शी गरुड़वास में मुझे अपने गांव से गोरा गाँव तक 8-10 बड़े उद्योगों की स्थापना भी दिखी है… अब ऐसा लगता है वह भी अवश्य होगी..
… और संभवतः आप दोनों ठाकुर भाई देवेन्द्र जी एवं श्रवण जी ही इसे मिलकर साकार करायेंगे…!
आप प्रयास कीजिएगा… नि:स्वार्थ प्रयास हैं आपके इसीलिए आपके हर प्रयास में आप अवश्य सफल होइयेगा!
– ‘सत्यार्चन’