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झूठा सच!

सच तो सदा ही कड़वा कहलाये,

फिर क्यों किसी को भाये?

मन में मिश्री घोलो!

भले साफ झूठ बोलो!!

फिर सारे ज़माने के, सिरमौर हो लो!!!

traffictail
Author: traffictail

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