हे सबके मालिक!
जो कभी भी किसी मजबूर की
कोई मदद ना कर सकें,
उनके जीवन में,
कभी वो पल मत लाना कि,
वो लोगों की दया के मोहताज हों.. !
वरना जिनने जो बोया, उनको वही काटने की स्वाभाविक नियति प्रत्यक्ष होगी
और
अकारण ही मानवता को अपयश झेलना पड़ेगा!
हे सबके मालिक!
जो कभी भी किसी मजबूर की
कोई मदद ना कर सकें,
उनके जीवन में,
कभी वो पल मत लाना कि,
वो लोगों की दया के मोहताज हों.. !
वरना जिनने जो बोया, उनको वही काटने की स्वाभाविक नियति प्रत्यक्ष होगी
और
अकारण ही मानवता को अपयश झेलना पड़ेगा!
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