ईरान, श्रीलंका, रूस, चीन, मिश्र , इजरायल की हालिया अशांतियां हों या फिर आपका अपना घर… दमन और अनसुनी को सहने की एक सीमा होती है.. जिसे उत्तम सहिष्णुता कहते हैं!
सहिष्णुता की भी एक सीमा है जिसकी समाप्ति के बाद हताश लोग मरने-मारने पर उतारू हो जाते हैं! और ऐसे निराश लोग मरने से पहले भयंकर मारकाट मचा सकते हैं..!
ऐसी स्थिति को ही अराजकता कहा जाता है! ईरान, श्रीलंका आदि के उदाहरण सामने हैं! कितनों को गोली मारने का साहस अर पाई सरकारें?
इतिहास में रावण, कंस औरंगजेब जैसे अनेक बदनाम मिलते हैं जो बहुत सशक्त थे किन्तु उनके दमन ने उनके अपनों को ही उनका विरोधी बना दिया! आखिर मे जनसंचेतन जनसैलाब के पैरों तले सत्तायें रोंदी गईं! यही अभी हाल में श्रीलंका और अब पता लगा है कि चीन में भी हुआ है… (2022 तक चीन में गृहयुद्ध की भविष्यवाणी मैंने भी, 2013 में ही कर दी थी).
अब यही दमन-सहिष्णुता संग्राम हर कहीं होने की संभावना दिखने लगी है! क्या सारी दुनियाँ ही अराजकता की आग में जलकर मिटने वाली है?