1-
दर्द का अहसास जिन्दा है….
तो हर एक आस जिन्दा है…
जीना दिल की धड़कन से नहीं…
धड़कन में गीत ही जीवन है
- 2-
तू चाँद थी
तू चाँद है
तेरा चाँद होना
है एक सच!
मैं सूरज
अपनी आग ???? बुझा
तुझ चाँद का
दाग अब बन बैठा!
3-
प्यास से मुखातिब हुई चाहतें …
जंजीरों में जकड़ी थी तब ख्वाहिशें …
गुफ्तगू तमाम खयालों में हुई…
खामोशियाँ बेसाख्ता चीखती रहीं
हसरतें तब भी मगर खामोश थीं …
4-
रात दिन झूठ,
झूठ
और बस झूठ
दिल ???? से पढ़ते हो
दिल ???? से देखते हो,
दिल ???? से कहते हो
और
दिल ????से ही सुनते हो!
दिल की खता को फिर
आँखों पर क्यों मढ़ते हो!
-सत्यार्चन