– विदाई – .
किसी के गले से लगना था
गले से किसी को लगाना था
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ना कोई गले से लग सका
ना गले से कोई लगा सका…
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किसी के दिल में बसना था
किसी को बसाना था दिल में;
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ना कोई दिल में बस सका
ना बसा सका कोई दिल में …
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आखिर विदाई की घड़ी आई..
और हो गई उसकी विदाई!
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#सत्यार्चन
2 thoughts on “विदाई”
वाह बहुत ही अच्छा लिखा है सर आपने ????????????
दाद स्वीकार करें ????????
धन्यवाद् …. आपका!