देश सोया है; कोई इसे ना जगाये !!!
जिसे ‘नया भारत’ चाहिये बनाये …
हम देश हैं, सोये हैं… हमें ना उठाये !!!
हम तो मौज में रहे जब … ‘जार्ज ‘थे…
और तब भी जब पैमाने सुराही ‘लार्ज’ थे;….
देश आजाद हुआ… क्या हुआ?
नया ‘माली’ हुआ बागवाँ… क्या हुआ?
इस बाग ने कितने तो ‘माली’ आजमाये ,
जो कहते जगाना है … और रखते सुलाये….
अब 21वीं में रक्खे या 14वीं में ले जाये….
करे जिसके जो जी में आये….
देश सोया है; कोई इसे ना जगाये !!!
#सत्यार्चन
2 thoughts on “देश सोया है; कोई इसे ना जगाये !!!”
बहुत ही खूबसूरत—
जिसे ‘नया भारत’ चाहिये बनाये …
हम देश हैं, सोये हैं… हमें ना उठाये !!!
हाँ भाई हर कोई चाहता है कि अच्छा किया जाये…. बस कोई हमसे ना करवाये…!