बलात्कार आवश्यक है…

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बलात्कार…

-लेखन हिन्द- (Indian Write-ups ) -सत्यार्चन

भारतीय स्वतंत्रता की तीन चौथाई सदी बीतने को है
स्वतंत्रता का अर्थ तो था अपनों का शासन किन्तु
अपनें शाशकों के लिए भी शायद आदर्श शाशक अंग्रेज ही थे!
उनने अंग्रेजों को बिना कोई दलील दिए
बलात्कार की तरह शासन करते देखा था!
‘अपने शाशक’ दलीलों के साथ बलात्कार करने लगे!
लोकतंत्रीय व्यवस्था की बड़ी त्रुटी खुद लोकतंत्र ही है!
जिसमें सत्तापक्ष और विपक्ष दोनों जनता को लुभाने में ही लगे रहते हैं!
सत्तापक्ष और विपक्ष पूर्ण स्वार्थ-चिंतक रहे, दोनों ने ही भारत की जनता को छलने में कोई कसर नहीं छोड़ी!
जब-जब जो-जो सत्तासीन रहा उसकी हर जनहितकारी नीति का भी विपक्ष ने केवल विरोध ही किया!
यानी विपक्ष का अर्थ केवल विरोध करने तक की परंपरा को जन्म दिया!!!
सत्तापक्ष ने भी विपक्ष के बहुमूल्य से बहुमूल्य प्रस्याव को केवल नकारकर ऐसा ही किया!
सत्ता-पक्ष/ विपक्ष एकदूसरे के प्रस्ताव मानने से राजनैतिक क्षति से सदा आशंकित रहे! इसी कारण ऐसा करने से बचते रहे!

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अच्छा या बुरा जैसा लगा बतायें ... अच्छाई को प्रोत्साहन मिलेगा ... बुराई दूर की जा सकेगी...

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