क्या नया इतिहास बनेगा?

<span;>#क्या इतिहास बनेगा‌ ?

<span;>भारतीय इतिहास ने अब तक अनेक संगठन और सामूहिक संघर्ष देखे हैं … अनेक जोड़ियां इतिहास में दर्ज हैं .. जो मित्रों की , पिता-पुत्र की, भाई भाई की, पति-पत्नी की रहीं‌ किन्तु यह पहला अवसर है जब भारत भाई-बहिन की जोड़ी के संयुक्त संघर्ष का साक्षी बन रहा है.
<span;>यह संघर्ष भारतीय संस्कृति की समृद्धि का एक अनुपम उदाहरण है. विश्व के भौतिकवादी अग्रणी राष्ट्र और उन राष्ट्रों की संस्कृति के समर्थक ना इस संघर्ष को समझ सकते हैं ना परिवार और रिश्तों की महत्ता को ही क्योंकि उनकी संस्कृति और स्वार्थ प्रेरित मान्यताएं केवल व्यक्तिवादी हैं..  वहां के लोग ना माता पिता को अपना परिवार मानते हैं ना ही भाई-बहिन को ही अपना मान पाते! एक तरह से परिवार विरोधी संस्कृति है वहां तभी वहां विवाह जैसे पवित्र संबंध भी क्षणिक माने जाते हैं और समर्थ स्त्री पुरुष अपने जीवन में अनेक साथियों संग थोड़ी थोड़ी दूर तक ही चलते देखे जाते हैं !
<span;>नेहरू गांधी परिवार की एक विशेषता तो स्पष्ट दिखाई देती है कि इस परिवार ने देश को 3 प्रधानमंत्री दिये जिनमें से केवल नेहरू जी की ही सामान्य मृत्यु हुई शेष दोनों, इंदिरा जी और राजीव गांधी जी की, उनकी राष्ट्रहित में की गई कार्रवाईयों के कारण ही, अलगाववादियों द्वारा हत्या की गई थी! दोनों ही की उनके हत्यारों से कोई व्यक्तिगत, पारिवारिक या व्यावसायिक शत्रुता नहीं थी! ऐसे विशिष्ट बलिदानी कुल से संबद्ध हैं ये दोनों भाई बहिन!

क्या होगा?

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