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स्वामी जी के परिजन – हम भारत

सुप्रभात भारत!
▶स्वामी विवेकानन्द के ज्ञानार्जन का लाभ
केवल अमेरिका जैसे बाहरी प्रागैतिक समाज
ने उठाया!
स्वामी जी के आराध्य
उनके घर ????
उनकी मातृभूमि ने
उनके जीवित रहते
उनका मखौल उड़ाने सहित
अधिकांशतः
अनादरण ही किया!
उनके दिव्यालीन होने
पर कालान्तर में उनकी
तस्वीरों/मूर्तियों/ मंदिरों
के रूप में उनकी
पूजा शुरू कर दी गयी!
उनके ज्ञानदर्शन / ज्ञानार्जन के लाभ से
स्वामी जी का घर ????
भारत आज भी वंचित सा ही है!
हम उनकी पूजा करने ,
उनके भारतीय होने पर
गौरवान्वित होने में पीछे नहीं हैं!
किन्तु उनके सम्पूर्ण मानवता को दिए
उन्हीं संदेशों से अपरिचित हैं
जिनके कारण वे सम्मानित हुए!
स्वामी जी के परिजन,
‘हम भारत’ ऐसे ही हैं!
विचार योग्य है कि हम
ऐसे ना समझ / इतने मूर्ख क्यों हैं???
अवश्य विचारना चाहिये कि
हमारा हमारे अपनों के प्रति
नकारात्मक पूर्वाग्रह हमें
किसी शुभ की प्राप्ति भी कराता है…
या हमें केवल वंचित ही कर रहा है???
#सत्यार्चन
traffictail
Author: traffictail

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