सपने पालो तो सही … होंगे तभी तो … सच हो पायेंगे ना !
सपने… सच हो सकें…
दोस्तो,
बेशक
सभी के
सारे सपने
कभी सच में नहीं बदल पाते
मगर,
उससे बड़ी सच्चाई है कि
सपने
केवल उनके सच हो सके
जिन्होने पहले सपने देखे
फिर उन्हें पाला,
अपने सपनों से
दीवानगी की हद तक मोहब्बत की,
अपने सपने को
अपना जुनून बना डाला …
जिनने अपने सपनों को जिया…..
और वो …..
जो सपने देखने तक से डरते हैं
वो क्या जानें कि
सपनों के जीने भर में ही
कितना शुरूर है
और सच होने का जलसा
कैसा अनौखा होता है….
(12 अगस्त 2013) – #सत्यार्चन
बिलकुल सही 👌👌👌👌
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हाँ दोस्त सपनों से क्या डरना!
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सच कहा जिसने सपने नही देखा उसने क्या जिया।सपनो से डरकर जीना क्या जीना।
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बहुत बहुत धन्यवाद् जी आपका!
(वर्डप्रेस/ जेटपेक ने डांटकर बताया कि मेरी ओर से उत्तर देना शेष था…!!!)
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