ईश कृपा
अनेक विशिष्ट चीजें केवल सामीप्य से ही मिल जाती हैं वो भी मांगे बिना ही— जैसे बर्फ के पास शीतलता,अग्नि के पास गर्माहट,गुलाब के पास सुगंध…
इसी तरह का स्वभाव परमात्मा का है उससे मांगने की आवश्यकता नहीं होती — अगर हम निकटता बना लें तो वो हमारी हर इच्छा को जान लेता है एवं हर उचित इच्छा के पूर्ण होने का रास्ता भी बना देता है —
इसीलिए आइये उस सर्वोपरि के सानिध्य का प्रयास प्रारंभ किया जाए ताकि हम सदा के लिए सांसारिक दुख और बंधनों से मुक्त हो सकें!
प्रभु से के चरणों में निकटता की शुभकामना के साथ ही ईश्वर के विषय में एक और महत्वपूर्ण तथ्य —
वो सदा से
इसी धरती पर हमारे बीच ही है !
कृपा करने के लिये वो सज्जनों के रूप में सामने आता है —
और
कोप के लिये कुबुद्धि/ दुर्जनों / आपदाओं को माध्यम बनाता है —
*मन्दिर, मस्जिद, गुरूद्वारों या चर्च में वह मिले या ना मिले सतत किये गये सद्कर्मों से वह जरूर मिलता है*
#सत्यार्चन
नमस्कार आचार्य,
बहुत ही अच्छा लेख है ..
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धन्यवाद किंतु पूरी तरह मेरा नहीं … अज्ञात को भी श्रेय मिले …. मुझे लेखक के संदर्भ बिना प्राप्त संक्षिप्त संदेश था …. दिसको विस्तार अवश्य मैंने दिया!
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बहुत ही बढ़िया बात कहा आपने—-उदाहरण भी जबर्दस्त है।
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भाई जी … क्षमा करें … शुरुआती उदाहरणों का श्रेय मुझे ना दें…. ये मेरे ना होकर भतीजे से, ल्हाट्सएप पर प्राप्च बेनामी संक्षिप्त संदेश हैं… बहुत अच्छी बात थी तो पहली बार अन्य के संदेशों को विस्तार अवश्य मैंने दिया है… !
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