
“कृतघ्नता की पराकाष्ठा!” या अवसरवादिता की दौड़ में शामिल आम भारतीय आज “अनैतिकता में एकता!” दर्शाता दिखता है!
शायद भविष्य के भारत में, 2 अक्टूबर को, राष्ट्रीय निकृष्टता दिवस ही मनाया जाने लगे! वैसे भी आज का कलयुगी भारतीय प्रसिद्धि पाने के लिए कैसे भी हथकंडे अपनाने तैयार मिलता है! यदि स्वार्थ सधता हो तो मानुष नीचे भी गिर लेता है!
“दैनिक भास्कर” के खोजी पत्रकार जी भी वीडियो स्पष्ट कहते दिख रहे हैं कि … “ऐसा माना जाता है हालांकि इस बात का कोई प्रमाण मौजूद नहीं है…”
यानी महात्मा गाँधी जी के अपयश से लाभ उठाने वालों ने अफवाहों और अनुमानों के दम पर ही अधिकांश भारतीयों को महात्मा गांधी से घृणा करने विवश कर डाला!