घातक दवाओं का क्या सम्पूर्ण भारतीय अंतर्राष्ट्रीय दवा व्यापार पर भी घातक असर नहीं होगा…?

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यह ठीक नहीं हुआ! यदि वास्तव में निम्न स्तरीय दवाओं के घातक प्रभाव से ही #मोजांबिक में अनेक #बच्चों_की_मौत हुई है तो यह भारतीय #अंतरराष्ट्रीय_दवा_व्यवसाय के लिए बहुत #निराशाजनक_खबर_है. ऐसी घटनाओं के #दूरगामी_और_व्यापक_प्रभाव होते हैं! भारतीय #गुणवत्ता_नियंत्रण_प्राधिकरण (यदि कोई है तो और नहीं है तो होना चाहिए) को चाहिए कि वह #ऐसे_उत्पादों_को #निर्यात_की_सूची से सदैव बाहर रखें! घटिया उत्पादों में चीन का नाम पहले से ही बदनाम है (जबकि चीन अनेक गुणवत्ता युक्त उत्पाद भी बनाता है) जिस का लाभ हमें उठाना चाहिए और हमारे उत्पाद, गुणवत्ता युक्त ही होने चाहिए जिससे हमारे अंतरराष्ट्रीय व्यापार को #दीर्घकालिक व स्थाई लाभ मिल सकें!

इस खबर के आने से सीधे यह सिद्ध नहीं हो जाता कि; आरोपित दवाएं घातक ही हैं!

कारण दूसरे भी हो सकते हैं जिनमें प्रमुख है #अंतर्राष्ट्रीय_उपचार_उद्योग का वृहदाकार होना, कोरोना महामारी के दौर में इसमें बहुत बड़ा उछाल आने और इसी बीच भारतीय दवा उद्योग की नैदानिक तथा उपचारित करने वाली दवाओं की धमाकेदार एंट्री! भारतीय उपचार पद्धति के वैश्विक प्रवेश से पूर्व स्थापित दवा व्यवसाय का घटता मार्केट शेयर भी, इस खबर के पीछे का, #बड़ा_कारण हो सकता है ..!

वास्तविकता जो भी हो, देर से सामने आ पाएगी किंतु वास्तविकता सामने आने की प्रतीक्षा किए बिना ही गुणवत्ता नियंत्रण प्राधिकरणों को, उत्पादों की उच्च गुणवत्ता सुनिश्चित करने में और अधिक ध्यान देना, अभी से, आवश्यक हो गया है!

अन्यथा जग प्रसिद्ध कहावत “एक मछली के सारे तालाब को गंदा करने वाली” स्थिति के बनते देर नहीं लगेगी!

एक और तथ्य ध्यान देने योग्य है कि आज का विश्व सिमट कर बहुत छोटा हो गया है! #गला_काट_प्रतिस्पर्धा का दौर है यह.. अब यहाँ हर कोई #ईंट_का_जवाब_पत्थर से देने तैयार बैठा है… ! ऐसे वातावरण में बीते दिनों हमारे देश में फैली या फैलाई गई अफवाहों ने #बहुराष्ट्रीय_कंपनियों के #कुछ_उत्पादों_को #गहरा_आघात पहुंचाया जिसकी यह प्रतिक्रिया भी हो सकती है! #दुष्टता का जवाब दुष्टता से देने के प्रयास में शिवाय हानी के कोई और प्राप्ति की संभावना बहुत कम होती है जबकि #सौहार्द #आदिकाल_से_अनंत_तक #सर्वजन_हिताय था… है… और रहेगा!

यदि यह घटना उद्देश्य रचित संयंत्र निकलता है तो बहुत अधिक चिंताजनक एवं सर्वांगीण सुधार को प्रेरित करती घटना सिद्ध होने वाली है! क्योंकि बीते दिनों अफवाहों को इस तरह पोषण मिलता रहा है उससे भारतीय सामाजिक सोच के, अफवाहों से लाभ उठाने की मानसिकता, लंबे समय तक बनी रहने वाली है! जो बहुत चिंताजनक है!

WHO ने भारत के चार कफ सिरप को घोषित किए जानलेवा, गाम्बिया में इन दवाओं से 66 बच्चों की मौत होने का आरोप

http://dhunt.in/CQ5dU?s=a&uu=0x293ce313d8abb7ef&ss=pd
Source : “जागरण”

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