आज का सुबुद्ध प्रसारण
बाँटो और बादशाह बने रहो की नीति के पक्षधर नये-नये बंटबारों को हवा देते आये हैं- — अब आबादी को आधा-आधा बांटने की साजिशें तेज होती जा रही हैं !
हमें समझना चाहिए कि प्रकृति “उस रचियता” की त्रुटि रहित व पूर्ण संतुलित रचना है!
स्त्री पुरुष दोनों विशिष्ट हैं! जो स्त्री में विशिष्ट है वो पुरुष में नहीं और जो विशिष्टता पुरुष को मिली वो स्त्री में नहीं रखी गई! उस रचियता ने ऐसी चतुराई अपनाई है इसीलिए स्त्री- पुरुष एक दूजे के बिना दीर्घ काल तक कभी रह ही नहीं पायेंगे !
यही प्रकृति का सौन्दर्य बनाये रखने आवश्यक है!
यही सत्य है!
यही नियति!
-#SathyaArchan