सनातन ना केवल निरंतर ही है वरन् सम्पूर्ण भी है! सर्वश्रेष्ठ सत्कर्म पर यह लेख पौराणिक संदर्भों सहित लिखित है … जिससे सनातन की “सर्वेभवन्तु सुखिन: को ” समर्पित होने की तार्किक पुष्टि भी होती है!
लीजिये देखिये… जानिये… सराहिये…. अपनाइए! तालाब की गागर पुण्य का सागर
भारतीय वाड्मय में तालाब निर्माण को पूर्त कर्म माना गया है जिनका पुण्य कभी क्षय नहीं होता जन–जीवन व जीव सृष्टि के लिए जल की अनिवार्य आवश्यकता को देखते हुए वेद, पुराण, स्मृतियों, उपनिषदों, संहिताओं व नीतिशास्त्र में तालाब, कूप, बावड़ी व नहरों के निर्माण का अमोघ महत्व व अक्षय पुण्य बतलाया गया है। यज्ञ, तप, […]
तालाब की गागर पुण्य का सागर