सूरत में एक पूरे के पूरे 7 लोगों के परिवार में से 7तों ने की #सामूहिक_आत्महत्या ! अभी अभी प्राप्त इस अपूर्ण #समाचार पर अपनी व्यथा साझा कर रहा हूंँ… समाचार का लिंक आखिर में है….
इस भयंकर #सामूहिक_आत्महत्या जैसी दुरुह घटना के #जिम्मेदार_थोड़े_बहुत_तो_हम _सभी_हैं!
हमारा #अविश्वास, #संदेहों_से_भरा_अंतर्मन, 1-2-10-20-100-200-500-1000 रु जैसी मदद के #ग़लत_हाथों_में_पड़कर व्यर्थ जाने की आशंका ही हमें वास्तविक ज़रूरतमंदों की मदद से भी रोकने लगी है!
ऐसा कुछ होने से पहले हम स्वीकारने तैयार ही नहीं हो पाते कि हमारे #अविश्वास_जनित_असहयोग की परिणति इतनी वीभत्स भी हो सकती है!
ये 7तों जो भी थे.. इन्हें इनके #प्राणोत्सर्ग_के_लिए #दोषमुक्त तो बिल्कुल नहीं किया जा सकता… इनने जो भी किया वह #घृणित, #निंदनीय और #पूर्णतः_अस्वीकार्य है…
किंतु
इनके आस-पास के रहवासी, मित्र, रिश्तेदार और परिचित आदि भी विशेष जिम्मेदार हैं!
कोई भी क्यों ना समझ पाया?
कोई #समाजसेवी_संगठन नहीं…! #सरकारी_तंत्र भी…
अब रोने सब आ जायेंगे…
दुख जतायेंगे और #अपना_अपना_गुणगान #गा_गा_कर सुनायेंगे!
#समय_रहते कोई नहीं?
#मैं_व्यथित_हू़ँ.. और शर्मिंदा भी!
आप???
पूरे परिवार ने की सामूहिक आत्महत्या, 7 लाशें
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