भौतिक रूप से मेरे दो ही बेटे हैं
28 और 24 साल
के —-
वो मुझसे अधिक समझदार, सच्चे और अच्छे हैं!
उनसे बहुत कुछ सीखता हूँ मैं —-
उनसे ही क्यों?
मुझे स्वीकारते हुये कोई संकोच नहीं कि
उनके हमउम्र, अगली पीढ़ी के अधिकांश
बच्चे / बच्चियों को, मैं, स्वयं की पीढ़ी से कई गुना अधिक सक्षम समझता हूँ!
आपको अजीब लग
रहा है ?
किन्तु मेरे तीन और बेटे 23, 25 और 28 साल की उम्र के ही हैं लगभग पिछली एक शताब्दी से —-
उनने अपनी उम्र को 23 , 25 और 28 से अधिक ना होने दिया —- मेरे सैकड़ों सुपूतों में से उन 3 सुपूतों, —- समूचे अखण्ड भारत के अपने से मेरे उन अजर-अमर बेटों
***भगत,
****राज
……..और
*****सुख
को सम्पूर्ण
बंधूँ -बांधवों सहित
मैं भी नमन करता हूँ!
हे ईश्वर मुझे प्रति वर्ष ऐसे ही हजारों -लाखों सपूत देना जो देश के / दीन के काम आ सकें!
#मैंभारतहूँ#
– #SathyArchan
6 thoughts on “-: भगत-राज-सुख:-”
इंत जार करती भारत मां
बहुत बहुत धन्यवाद् जी आपका!
(वर्डप्रेस/ जेटपेक ने डांटकर बताया कि मेरी ओर से उत्तर देना शेष था…!!!)
मेरा आज का ब्लॉग
जी देखा था !
बहुत बहुत धन्यवाद् जी आपका!
(वर्डप्रेस/ जेटपेक ने डांटकर बताया कि मेरी ओर से उत्तर देना शेष था…!!!)
You replied to this comment.
हम किसी को दो तरह से प्रेरित कर सकते हैं …. एक तुम अच्छा नहीं करते या नहीं कर सकते … दूसरे … तुम तो अच्छा ही करते हो …. करते रहो…. बहुत बढ़िया … ! मेरा अनुभव दूसरे वाले को अधिक कारगर मानता है….!