हाइलाइट्स
बच्चे के जन्म के बाद तकरीबन 15 प्रतिशत महिलाएं प्रसवोत्तर अवसाद से गुजरती हैं.
प्रसवोत्तर अवसाद बेबी ब्लूज से ज्यादा गंभीर होता है.
Postpartum Depression: बच्चे के जन्म के बाद कुछ महिलाओं को मूड में बदलाव, थकावट और निराशा जैसी दिक्कतें होती हैं. जिस पर ज्यादातर महिलाएं ध्यान नहीं देती हैं, जबकि इन चीजों को आपको हल्के में नहीं लेना चाहिए. ऐसा इसलिए, क्योंकि इसकी वजह प्रसवोत्तर अवसाद (Postpartum depression) हो सकता है. ऐसे में अगर आप भी हाल ही में मां बनी हैं और आपको भी इस तरह की दिक्कत से गुजरना पड़ रहा है तो आपको इसके बारे में गंभीरता से सोचने की जरूरत है.
बड़ा दें कि प्रसवोत्तर अवसाद के लक्षण हर किसी में अलग हो सकते हैं. इतना ही नहीं ये लक्षण हर दिन भी अलग-अलग हो सकते हैं. जिन पर आपको गौर करने की जरूरत है. तो आइए हेल्थलाइन डॉट कॉम के अनुसार, जानते हैं कि प्रसवोत्तर अवसाद के क्या लक्षण हो सकते हैं और इनके महसूस होने पर आपको क्या करना चाहिए.
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प्रसवोत्तर अवसाद क्या है?
प्रसवोत्तर या प्रसवकालीन अवसाद (postpartum depression) एक प्रकार का डिप्रेशन है, जो बच्चे के जन्म के बाद होता है. बच्चे के जन्म के बाद 7 में से 1 नई मां को यानी तकरीबन 15 प्रतिशत महिलाओं को इस दिक्कत से गुजरना पड़ता है. इसके लक्षण बच्चे के जन्म के बाद कभी भी विकसित हो सकते हैं. लेकिन नॉर्मली ये बच्चे के जन्म के 1 से 3 सप्ताह के भीतर शुरू हो जाते हैं. इस दौरान आप खुद को बहुत भावनाहीन और उदास महसूस कर सकती हैं. तो वहीं ये आपके मूड में बदलाव, थकावट और निराशा की वजह भी बन सकता है. प्रसवोत्तर अवसाद आपसे जुड़े हर किसी व्यक्ति और आपके बच्चे को भी प्रभावित कर सकता है. इसलिए इस डिप्रेशन को सामान्य न समझ कर इलाज के लिए डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए. जिससे आप समय रहते इस परेशानी से उबर सकें.
पोस्टपार्टम डिप्रेशन और बेबी ब्लूज एक ही है?
प्रसवोत्तर अवसाद (पोस्टपार्टम डिप्रेशन) ज्यादा दिनों तक रहता है और ये बेबी ब्लूज से ज्यादा सीरियस होता है. बेबी ब्लूज में आप खुद को बहुत उदास, खाली, मूडी या थका हुआ महसूस कर सकती हैं, जबकि प्रसवोत्तर अवसाद उससे कहीं आगे बढ़ जाता है. यह बच्चे को जन्म देने के बाद कई हफ्तों तक बना रहता है. इसके लक्षण गंभीर हो सकते हैं और आपकी कार्य करने की क्षमता में बाधा डाल सकते हैं.
क्या हैं प्रसवोत्तर अवसाद के लक्षण?
प्रसवोत्तर अवसाद के लक्षण हर महिला में अलग-अलग हो सकते हैं, जो कई बार हर दिन बदल भी सकते हैं. इस दौरान नयी मां खुद को बच्चे से कटा हुआ महसूस कर सकती है. साथ ही ऐसा महसूस हो सकता है जैसे आप अपने बच्चे से प्यार नहीं करतीं. इसके साथ ही आपका उदास होना, बहुत रोना, अपने बच्चे को या खुद को चोट पहुंचाने का विचार आना, बच्चे में रुचि न होना, बॉडी में एनर्जी न होना, खुद को बेकार और दोषी महसूस करना, खुद को बुरी मां समझना, बहुत ज्यादा या बहुत कम सोना, बेचैनी महसूस होना, लंबे समय तक सिरदर्द या पेट की समस्या होना जैसे लक्षण शामिल हैं. अगर आप खुद में प्रसवोत्तर अवसाद के लक्षण महसूस कर रही हैं. तो आपको इसके इलाज के लिए जल्द से जल्द डॉक्टर को दिखाना चाहिए. इसके इलाज में दवाओं के साथ कुछ थेरेपी भी शामिल हो सकती हैं.
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FIRST PUBLISHED : August 17, 2023, 10:45 IST