हे सजग भारत!
मैं आपसे… वे प्रश्न पूछना चाहता हूँ जो मुझसे गुरुजी (गुरुदेव!) ने किये और जिनके उत्तर की खोज का कार्य सौंपकर गुरुदेव मेरे मष्तिष्क में ज्ञानामृत का श्रोत प्रश्रावित कर गये…
(1) भारतीय मुस्लिम हैं कौन?
कैसे और कहाँ से आ गये आर्यों के देश में?
(सर्वाधिक सटीक उत्तर है वे सच्चे भारतीय राजा, सेनानी, सेनिक और नागरिक जिनने बाहरी आक्रमणकारी मुगलों से कैसे भी समझौते करने की जगह युद्ध में (या पराजित होने पर नरसंहार में) वीरगति पाई, या बंदी/ गुलाम/दास बना लिये गये, उन सच्चे भारतीयों के अनाथ परिवारों अर्थात पत्नियों, दुधमुंहे बच्चे बच्चियों को आक्रमणकारी मुगल सेनिकों ने जीत के इनाम के तौर पर लूटा, अपनी अधीनता में इस्लाम स्वीकारने विवश किया… और वर्षों तक यही क्रम चलते रहा… फिर आक्रमणकारी तो लौट गये अधीनता में बनाये गये मुसलमान यहीं छूट गये! आज के मुसलमानों के पूर्वज भी हमारे आपकी तरह ही सच्चे भारतीय सनातनी आर्य थे…!)
(2) उपरोक्त यथार्थ जो आरएसएस के ‘शोधित’ इतिहास का हिस्सा भी हैं , से यदि आप सहमत हैं तो जिनके पूर्वजों ने मातृभूमि के लिए घोर यंत्रणाएँ झेली और प्राणोत्सर्ग तक किया… या अवज्ञावश जिनके प्राण हर लिये गये… उनके वंशज आज के भारतीय मुसलमान; दया, सम्मान, समानता, भाईचारे के योग्य हुए… या नफरत, द्वेष , शत्रुता के?
(3)सजग भारतीय भलीभाँति जानते हैं कि शेष विश्व की ही तरह हमारे देश में भी, पहले से ही धर्म के नाम पर तथाकथित धर्मगुरुओं ने; लूट, अनाचार, व्यभिचार , उन्माद आदि फैलाने वाली समानांतर सत्तायें स्थापित कर रखी थीं… ऐसे धर्माडम्बर युक्त धर्मगुरु अपने लाभ के अनुरूप आचरण को ही, भोले-भाले बहुसंख्यक भारतीयों से, धर्म मनवाते आये हैं …
आज भी अनेक छद्म धर्मगुरुओं की समानांतर सत्तायें संचालित हैं…! इस सबके बाद भी यदि भोले भाले भारतीयों ने ऐसे छद्म धर्माचार्यों को सत्ता सौंप दी हो तो जो हो रहा है क्या उससे हटकर भी आशा की जानी चाहिए थी?
(4) यदि सजग हैं तो सजगता का साथ भी दीजियेगा?
निवेदन है कि सभी सजग; अन्य सजग संग संगठित हों और सोये हुए समाज को जगाने का कर्तव्य निर्वहन करें!