विगत वर्ष ‘सड़क सुरक्षा सप्ताह’, 11 से 20 जनवरी, पर
यातायात जागरूकता हेतु
हमारा योगदान, हमारे ब्लाग पर “पथ संचलन” शीर्षक से लेख के रूप में
पैदल चालन में सावधानी पर था!
अब हम चर्चा करने जा रहे हैं
सड़क पर सभ्यता पूर्वक वाहन चालन द्वारा जोखिम घटाने पर
अपनी यातायात सभ्यता का उन्नत प्रदर्शन करें!
हम नागरिकों की भी कुछ जिम्मेदारी है!
70 वर्ष तक की आयु वाले हमारे ‘युवा’ वाहन चालन में अराजकता के प्रदर्शन को अपनी शान समझते हैं!
जबकि हर कोई जानता है कि
“आपका व्यवहार आपके संस्कारों का दर्पण है!”
“अगर आप वाहन की अनुशासित पार्किंग में असमर्थ हैं तो आप असभ्य हैं!”
“अगर आप वाहन चालन में
लेन में चलने, यातायात संकेतक पर और मुड़ने से पहले
लेन का अनुपालन नहीं करते हैं तो… आप यातायात में प्राइमरी भी पास नहीं हैं!”
“स्वयं को सुरक्षित रख दूसरों को सुरक्षित करें!”
ध्यान देने योग्य है किअकेले भोपाल जैसे शहर में विगत वर्षों से
सैंकड़ों पैदल चलने वालों और इतने ही वाहन सवारों की सड़क दुर्घटना में मृत्यु होते आ रही है.
सड़क दुर्घटनाओं को रोकने का काम क्या केवल परिवहन विभाग का है ?
आइये हम अपनी और अपने नागरिकों की सुरक्षा का संकल्प तें!
अपनी सुरक्षा बढ़ायें!
हेलमेट, लैगगार्ड, रियरव्यू मिरर, सीटबैल्ट का नियमित प्रयोग करें
सुरक्षा साधनों के प्रयोग में झिझकें नहीं,
सुरक्षा संसाधनों के प्रयोग के विषय में एक उदाहरण ध्यान देने योग्य है
लोकप्रिय खेल क्रिकेट के किसी भी युग के हीरो क्रिकेटर सर्वाधिक सुरक्षा संसाधनों के साथ बैटिंग करने के आदि रहे हैं!
चाहे फिर वह गावस्कर रहे हों या गेल, या गांगुली, धोनी, वीरू. सचिन या विराट !
“स्वयं को सुरक्षित रख दूसरों को सुरक्षित करें!”
यातायात विभाग से भी इस संबंध में विस्तृत विज्ञप्तियां अपेक्षित हैं
“ताकि सड़क सुरक्षा की दिशा में उल्लेखनीय सुधार प्राप्त किये जा सकें!