-: मैं हूँ या मैं नहीं हूँ!!! :-
ONS के हीरो की तरह
सब लोग मुझे ही दोष दिए जा रहे हो !
समझा करो!
जोड़े सारे वही बनाता है!
बस किसी-किसी को किस्मत में
पूरा कुछ भी नहीं ही मिलना लिख देता है वो —-
मुझे भी,
कभी कभी बहुत स्वादिष्ट भोजन
टुकड़ों टुकड़ों में देता है!
अब तक, जो भी हक मिले
लड़ झगड़ कर हथियाने से
टूटे फूटे टुकड़ों में…
मेरी लहूलुहान हालत में मिले !
मेरे अपनों की
दुलार भरी देखभाल ने
जिस्म पर चोटों के निशान तक
बाकी ना रहने दिये !
बस मेरे या
किसी अपने के भी जेहन में
दिल की देखभाल का
खयाल ही ना आया!
कतरा कतरा रिसते रहा दिल —
आब एक भरे पूरे बेदाग शरीर में
पेसमेकर से दिल वाला
मैं
समर्पित हूँ उनके प्रति
जिनका मुझपर अधिकार है!
कहना मुश्किल है
कि
मैं हूँ
या
मैं नहीं हूँ!!!
#सत्यार्चन