स्वार्थ हेतु परमार्थ…
💐मानव जीवन अनंत उत्पादों के उत्पादक #एक_अनौखे_उद्योग की तरह है…💐
💐संसार के हर मानव को,
#स्वार्थसिद्धि_के_उत्पाद_की
अनिवार्य तथा #सर्वाधिक_आवश्यकता_होती_है!💐
💐#मानव_जीवन रूपी उद्योग में…
स्वार्थसिद्धि का #सर्वाधिक_के_साथ_साथ_सर्वश्रेष्ठ उत्पादन… 💐
💐💐 #धर्मार्थ_उत्पादित_परमार्थ
..के मुख्य उत्पाद के साथ..
#उपउत्पाद_के_रूप_में ही.
प्राप्त होता है!💐💐
– ‘सत्यार्चन’