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स्वार्थ हेतु परमार्थ…

स्वार्थ हेतु परमार्थ…

????मानव जीवन अनंत उत्पादों के उत्पादक #एक_अनौखे_उद्योग की तरह है…????

????संसार के हर मानव को,
#स्वार्थसिद्धि_के_उत्पाद_की
अनिवार्य तथा #सर्वाधिक_आवश्यकता_होती_है!????

????#मानव_जीवन रूपी उद्योग में…
स्वार्थसिद्धि का #सर्वाधिक_के_साथ_साथ_सर्वश्रेष्ठ उत्पादन… ????

???????? #धर्मार्थ_उत्पादित_परमार्थ
..के मुख्य उत्पाद के साथ..
#उपउत्पाद_के_रूप_में ही.
प्राप्त होता है!????????

– ‘सत्यार्चन’

traffictail
Author: traffictail

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