हम, हिन्द-हिन्दी-हिन्दू-हित हिमायती हम!
भारतीय प्रधानमंत्री जी के अत्यधिक साहसिक कदमों से ‘भारत’ होने
पर गौरवान्वित अनुभव हुआ!
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किन्तु
महत्वपूर्ण सामयिक, सार्वजनिक घोषणाओं की
अधिकृत / विसतृत जानकारी ,
संबंधित शासकीय संस्थानों में,
देश के
विभिन्न गैर हिंदी भाषी
प्रदेशों में
अनिवार्यतः त्रिभाषीय
(अंग्रेजी , हिन्दी और स्थानीय
भाषा में भी)
उपलब्ध कराये जाते हैं!
यथा
केरल में
मलयालम,
तमिलनाडु में
तमिल,
बंगाल में बंगला,
हिमाचल,
उत्तराखंड,
उत्तरांचल,
ओड़िशा,
काश्मीरी,
आदि में,
गढ़वाली,
पहाड़ी,
ओड़िया
आदि में भी उपलब्ध कराया जाता हैं!
किन्तु हिन्दी भाषी
मध्य भारत में केवल ऐसी सूचना, प्रपत्र (फार्म) केवल अंग्रेजी में ही
उपलब्ध कराने की प्रथा है!
भई बड़े विशालहृदयी हैं हम???
या
असहिष्णु नहीं हैं हम ….
असहिष्णु ना होना तो अच्छा ही है…. किंतु
अति-सहिष्णु होकर
महामूर्ख भी तो हुये हम —-?
हम, हिन्द-हिन्दी-हिन्दू-हित हिमायती….
हम हिन्दुस्तानी !!!
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#सत्यार्चन