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आशायें और आशंकायें

आशायें और आशंकायें

जैसे हम जीना चाहते हैं वैसे ही जिया जा सकता है…

आशंकित रहेंगे तो आशंकायें सजीव हो समक्ष होंगी

और

आशांवित रहेंगे तो आशायें ….

आशायें और आशंकायें
आशायें या आशंकायें…
traffictail
Author: traffictail

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