प्रस्तुत है ‘प्रेम’ – 2
प्रेम तो है प्रेम
चाहे हो मिलन
नित नित पल क्षण
चाहे हो ही ना
जीवन पर्यंत..
‘प्रेम’ नि:सीम
हर हाल में रहता
अजर अमर अनंत…!
प्रस्तुत है ‘प्रेम’ – 2
प्रेम तो है प्रेम
चाहे हो मिलन
नित नित पल क्षण
चाहे हो ही ना
जीवन पर्यंत..
‘प्रेम’ नि:सीम
हर हाल में रहता
अजर अमर अनंत…!
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