दोनों विधायकों को मैं व्यक्तिगत रूप से जानता हूँ! सुनील सराफ जी से तो लम्बी वहस और विवाद तक हुआ है मेरे उस क्षेत्र में सेवारत रहते… वो क्षेत्र अनोखा है जहाँ से वे विधायक हैं…!
उस क्षेत्र में सभी व्यवसायों में स्त्री पुरुष पुरुष समानता से कार्यरत मिलते हैं.. बाजार में अनेक दुकानें महिलाओं द्वारा संचालित हैं ! वहाँ महिलाएं स्वच्छंद और सामान्य पुरुष भी वहां महिलाओं के प्रति आसक्ति रहित दिखते हैं…! विधायक जैसे जिम्मेदार और स्तरीय लोग तो महिलाओं से कतराते दिखते हैं वहाँ… मुझे मेरे कार्यालय में आनेवाली महिलाओं को लगभग रोज ही दूर से बात करने की समझाइश देनी पड़ती थी..!
मैं वहां की महिलाओं के चरित्र पर लांछन नहीं लगा रहा हूँ बल्कि यह बता रहा हूं कि वहां के महिला-पुरूष जिस वातावरण में रहते हैं उसमें मध्यवर्गीय से लेकर उच्चस्तरीय पुरुष और महिलाएं एक दूसरे से वैसा ही सामान्य व्यवहार करते हैं जैसा कि वे अपने समलिंगी से कर रहे हों ..!
ऐसे में यदि महिला कहीं और की रहने वाली रही होगी तो उसे उन विधायकों के सामान्य व्यवहार से छेड़छाड़ का भ्रम होने की बहुत संभावना है!
जहां तक भाई #सुनील_सराफ जी और भाई #सिद्धार्थ_कुशवाहा जी पर लगे आरोपों का प्रश्न है तो संदर्भों के परिप्रेक्ष्य में, मै इसे असंभव कहूंगा! विशेषकर ट्रेन में! क्योंकि
साधारण व्यक्ति भी दूसरे की थाली में रखे व्यंजनों की ओर तभी ललचाई नज़रों से देखता है जब, या तो वह भूखा हो या फिर उसे, वैसा स्वादिष्ट भोजन अप्राप्य रहा हो! दोनों विधायकों की उच्च स्थिति और उस क्षेत्र में उपलब्धता के संदर्भों को दृष्टिगत रख देखने पर, दोनों ही संभावनाएं शून्य लगती हैं!
आरोप लगाने वाली महिला या तो भ्रमित है या फिर आरोप प्रेरित कूटरचित हैं और वे महिला यात्री स्वयं राजनैतिक या अन्य लाभ के लिए ऐसा आरोप लगा रही हैं! सागर से जो पुलिस अधिकारी महिला को सुरक्षा देने पहुँची उनका कथन सबसे महत्वपूर्ण है जिसपर इस मीडिया रिपोर्ट में कुछ नहीं कहा गया है! समझदार को तो इसी से बहुत कुछ स्पष्ट हो जाता है!
MP के कांग्रेस विधायकों पर ट्रेन में छेड़छाड़ का आरोप: महिला बोली- दोनों ने नशे में टच किया, बुरी नजर से देख रहे थे
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