“समरथ को नहीं दोष गोसाईं..” का श्रेष्ठतम उदाहरण तो सांसद माननीय ब्रजभूषण सिंह प्रकरण है ही ..!
किंतु विधायक परिवार के कंसाना जी का प्रकरण भी बहुत खास है जो बताता है कि सत्ता किसी की भी हो सत्ता अपनों के अपराध की संरक्षक बनी हुई है … पूरा समाचार ध्यान से पढ़ियेगा … रोचक है..
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*थाने में फायरिंग के आरोपी कंषाना पर ‘सरकार’ मेहरबान:* चिट्ठी पर 24 घंटे में गृहमंत्री की मंजूरी, कमलनाथ सरकार भी वापस लेना चाहती थी केस https://dainik-b.in/frQS9Jzepzb