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मैं हो जाऊँ गर तेरी
तो.. मेरी मुट्ठी में कैद
#ये_नायाब_दुनियाँ भी होगी तेरी!
मैं हूँ #ख्वाहिश तो हर एक की
और हूँ एक-एक के भीतर ही!
#मैं_नेकी_हूँ!
#अपना_बना_ले तू मुझको..!
और #कर_ले _दुनियाँ_मुट्ठी_में !
-‘#सत्यार्चन_का_सतदर्शन’
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मैं हो जाऊँ गर तेरी
तो.. मेरी मुट्ठी में कैद
#ये_नायाब_दुनियाँ भी होगी तेरी!
मैं हूँ #ख्वाहिश तो हर एक की
और हूँ एक-एक के भीतर ही!
#मैं_नेकी_हूँ!
#अपना_बना_ले तू मुझको..!
और #कर_ले _दुनियाँ_मुट्ठी_में !
-‘#सत्यार्चन_का_सतदर्शन’
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